Thursday 28 February 2013

कोई भी दुर्घटना होने पर कैसे करें प्राथमिक उपचार

बच्चे हों या बडे दुर्घटना किसी के साथ भी हो सकती है , जरूरी ये नहीं कि दुर्घटना कैसी है वरन ये जरूरी है कि व्यक्ति के उपचार से पहले उसका प्राथमिक उपचार बहुत जरूरी होता है । प्राथमिक उपचार के विषय मे हम सब को जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है ।

मैंने तो इसके विषय मे अपने विद्यालय मे कक्षा छ्ह से पढ़ और सीख रखा था , फिर स्काउट एण्ड गाइड की क्लास मे तथा एन सी सी और एन एस एस मे भी इसकी शिक्षा भलीभांति मिली । इसे मैं आप सबके साथ बाँट रही हूँ ।

जिन छोटी मोटी दुर्घटनाओं मे प्राथमिक चिकित्सा की जरूरत होती है , उनमे प्रमुख है -- चोट लग जाना , हड्डी टूट जाना , मोच आ जाना , जल जाना , बेहोशी आना , तेज बुखार , पानी मे डूबने से बचाना , साँप बिच्छू का काटना , पागल कुत्ते का काटना इत्यादि । समय पर प्राथमिक उपचार और डाक्टरी सहायता मिल जाने पर रोगी के ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है ।

घर के किसी व्यक्ति के दुर्घटना ग्रस्त हो जाने पर हाय तोबा मत मचाइए अन्यथा वह व्यक्ति और अधिक डर  जाएगा । ऐसी स्थिति मे धैर्य से काम लें उसका मनोबल कायम रखें । प्राथमिक उपचार दें और डाक्टर की सहायता उपलब्ध कराएं या अस्पताल ले जाएँ । 

कटने फटने से यदि घाव हो  गया हो और रक्त बह रहा हो तो सर्व प्रथम रक्त बंद करने का प्रयास करें , अपने  हाथ  साफ कर लें और घाव के मुंह को दबा कर बन्द कर दें इससे खून निकलना बंद हो जाएगा  और चोट वाले स्थान को ऊँचा उठाकर रखें   यदि घाव गहरा हो तो कोई भी दवा मत भर दें न ही किन्ही  भी पत्तियों का रस  लगा दें और न ही घाव को खुला छोड़े ,बल्कि गरम पानी एंटीसेप्टिक लोशन मिलाकर  साफ रुई से  घाव को  साफ कर दें।   एंटीसेप्टिक क्रीम लगाकर हल्की पट्टी बांध दें डाक्टर के पास ले जाए ।

हड्डी टूटने की आशंका होने पर :- यदि हाथ की हड्डी की समस्या है तो एक तिकोनी पट्टी लेकर गले मे बांध दे थैली नुमा हिस्सा आगे लटक जाएगा उसमे हाथ को संभाल कर बैठा दे फिर डाक्टर के पास ले जाएँ ।

यदि पैर की हड्डी टूटी है तो  सीधा पटरी नुमा लकड़ी का  टुकड़ा लेकर किसी पट्टी की सहायता से बांध दे रोगी को चलने फिरने न दें आराम से बैठा दे और डाक्टर को बुलाएँ या अस्पताल ले जाएं ।

सिर की चोट लगने पर तिकोनी पट्टी पानी मे भिगो कर स्कार्फ की तरह कस कर बांध दें और रोगी को अस्पताल ले जाए । 

जल जाने पर सबसे पहले जले हुए स्थान को ठंडे पानी  मे डुबो दें। 
और तब तक रखे रहिए जब तक जलन शांत न हो जाए । यदि जला हुआ घाव हल्का है तो गरम पानी थोड़ा ठंडा करले और  मीठा सोडा मिलाकर लगाएँ जलन और दर्द दोनों मे राहत मिलेगी ।

यदि कोई व्यक्ति लपटों मे घिर गया हो तो तुरंत कंबल डालें और प्रभावित व्यक्ति को जमीन पर रोल करवा दे आग तुरंत बुझ जाएगी । साफ चादर मे प्रभावित व्यक्ति को लपेट कर तुरंत अस्पताल ले जाएँ ।

कभी कभी घर के किसी सदस्य को तेज बुखार चढ़ जाता है ऐसे मे रोगी को केवल हल्के कपड़े ही पहने रहने दें बाकी कपड़े हटा दे और ठंडे पानी मे तौलिया भिगो कर सारा बदन पोछते रहे । बुखार ठंडे पानी की पट्टी से कम होता है । ठंडी पट्टी बराबर रखते रहे और डाक्टरी सलाह लें ।


 आगे और भी ..........


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